गुरु आपका स्पर्श करता है “शब्द” से, प्रभु आपका स्पर्श करते हैं “दृष्टि” से!! | तृतीय स्कन्ध | 23

श्री हित आश्रम, वृन्दावन में "श्रीहित अम्बरीष जी" द्वारा ...

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